THE UNIVERSE LIES WITHIN US
As the title is highlighting the fact that "Universe Lies with in us" or we are "The Center of The Universe".According to Hindu mythology all the living thing has mysterious power that are responsible for sustaining life within them, we call that mysterious power as "SOUL(आत्मा )".
स्वामी विवेकानंद जी की एक कहानी जिसमे ये बोला गया है की
हम मनुष्य ज्ञान का भंडार है। क्या आपने कभी सोचा है की हम चीज़ो को कैसे इतनी जल्दी सीख़ लेते है ?
या फिर
कभी आप ने सोचा है की आप जो भी चीज भी चीज पढ़ते है वो हमें इतने काम समय में कैसे समझ में आ जाती है या फिर याद हो जाता है?
स्वामी जी बोलते है की हम मनुष्य की आत्मा के ऊपर एक अवरण (पर्दा ) पड़ा हुआ है । ये अवरण किसी भी चीज का हो सकता है अहंकार का हो सकता है या फिर अज्ञानता का हो सकता है किसी भी चीज का हो सकता है ।
हमे बस जरूरत है तो उस अग़यान रुपी आवरण को हटाने की ।
स्वामी जी कहते है की जब हम कोई भी चीज पढ़ते है तो हम हाथो में छोटा सा दीपक लिए उस आवरण को हटाने का प्रयास करते है हम जितनी बार भी कोई भी चीज याद करते है तो हम बार बार उस आवरण को हटाने का प्रयत्न करते है।
स्वामी जी गीता के सार को ध्यान में रखते हुए ये कहते की क्या अपने सोचा है की आप की आत्मा
अमर है उसने न जाने कितने जन्म लिए न जाने उसने किस जनम में क्या क्या पढ़ा। मतलब आप की आत्मा एक ज्ञान का श्रोत है भंडार है।
हो सकता है की आप न्यूटन हो या गैलेलिओ हों या फिर आप वो राइट ब्रदर्स हो जिन्होंने पहले प्लेन का अविष्कार किया था।
यकीन मानिये आप के अंदर अपर सम्भावनाये क्षिपि हुई है बस आप को जरूरत है तो उस आवरण पर रौशनी डालने की ।
wow!
ReplyDeletethank you Brother
DeleteRight yaara, I'm fully agree with u... ��
ReplyDeleteIts beauty of your mind that u liked it .
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