Saturday, 28 March 2015

chand panktiya ..falsafa jindagi ka


●●मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों
                    के हिस्से में ही आती हैं।
क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके
      से अंजाम देने की ताकत रखते हैं।
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●●रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा,
                    प्यासे के पास चलकर,
                         समंदर भी आयेगा !!
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●●थक कर ना बैठ ऐ,
                        मंजिल के मुसाफ़िर।    मंजिल भी मिलेगी और
              जीने का मजा भी आयेगा !!!
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●●क्या हुआ तुमको जो दौलत मिल गयी,
वो सिकंदर भी ख़ाली हाथ गया था।
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●● "जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं।
    तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं"
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●●खुद की पहचान बनाने में इतना
                                समय लगा दो।
की किसी और की निंदा का समय
                                     ही ना हो।।
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●●प्रेम चाहिये तो,
               समर्पण खर्च करना होगा।
विश्वास चाहिये तो,
                    निष्ठा खर्च करनी होगी।
साथ चाहिये तो,
                  समय खर्च करना होगा।
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●●किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं,
           मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती।
एक साँस भी तब आती है,
          जब एक साँस छोड़ी जाती है।।
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●●अजीब तरह के लोग हैं,
                                इस दुनिया मे।
अगरबती भगवान के लिए खरीदते हैं,
                           और खुशबू ,
खुद की पसंद की तय करते है।
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●●पिताजी ने ये बोलकर,
               घर की चौखट रखी छोटी।
कि बेटा,
       झुकने से ही ऊँचाईया मिलती है।
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